नामसङ्कीर्तनं यस्य सर्वपापप्रणाशनम् ।
प्रणामो दुःखशमनः तं नमामि हरिं परम् ॥
कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने ।
प्रणतक्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नमः ॥
श्री कृष्णाय वासुदेवाय......
श्री कृष्ण, वासुदेव, हरि (आदि नाम वाले), परमात्मा, तथा शरणागत के कष्टों का नाश करने वाले गोविन्द के लिये नमस्कार है ।
नमः के योग में सभी पदों में चतुर्थी है । हिन्दी में के लिये का भाव आता है और हिन्दी वाक्य विन्यास के आधार पर सबसे अंतिम पद के बाद के लिये का प्रयोग होता है ।
1.जिनका परम नाम संकीर्तन सब प्रकार के पापों का नाश करने वाला है, जिनको प्रणाम करना सभी दुखों को दूर करने वाला है उन सर्वोत्तम श्री हरि को मैं प्रणाम करता हूँ।।
समय : 09:25:49 | दिनाँक : 23/07/2020