संस्‍कृतशब्‍दकोशः

संस्‍कृत हिन्‍दी आंग्‍ल शब्‍दकोशः


शब्‍दकोशः / संस्‍कृतहिन्‍दीआंग्‍लकोशः / पुद्गलजीववाद

पुद्गलजीववाद

जैनियों का मत जिसके अनुसार केवल प्राणी ही नहीं अपितु सभी वस्तुएँ सजीव हैं

the doctrine of the jainas that not only living being but also the elements are endowed with soul

विवरणम् : जैनियों का यह मत कि न केवल प्राणी और वनस्पति अपितु पृथ्वी‚ अग्नि‚ जल एवं वायु और इन भूतों के छोटे से छोटे कण भी सजीव हैं; पुद्गल वर्ण‚ रस‚ गन्ध और स्पर्श से युक्त होता है । यह नित्य है और अणुमय है । इसके अणुओं से अनुभव की सब वस्तुएँ बनी हैं‚ जिनमें प्राणियों के शरीर‚ ज्ञानेनन्द्रियाँ और मनस् भी हैं । सूक्ष्म अवस्था में रहने वाला पुद्गल ही कर्म है जो जीव के अन्दर प्रविष्ट होकर संसार का कारण बनता है ।

शब्‍दभेदः : पुं.
वर्गः :
दृश्यम् : 186

Similar Words :


पूर्वप्रकाशिताः ५ अद्यतनीयशब्‍दाः


पुनर्भू पुनर्विवाहित पति‚... remarried : husba...
पुनराधेय अग्नि का पुनः स्थापन re-establishment ...
पुद्गलजीववाद जैनियों का मत जिस... the doctrine of t...
पुद्गल देह‚ आत्मा‚ व्यक्... body, personal en...
पुत्र बेटा son

चर्चायामुपरि


गर्दभी trending_up
गर्दभी trending_up
खरी trending_up
लेखा trending_up
संख्‍यानम् trending_up
वृत्तान्तः trending_up
अलाबु trending_up
अतिशयित trending_up
अतिशयित् trending_up
अनीकम् trending_up

चर्चायामधः


उप + गुह्trending_down
अंस-अंशःtrending_down
अगार,-रम् trending_down
अग्र + अशन trending_down
अच्, trending_down
अ-चक्षुस् trending_down
अञ्ज-सा trending_down
अति + trending_down
अति +trending_down
अति-रिच्trending_down



Sanskrit Dictionary Android App