सञ्कुच्, संकटाय — विवृतं संकीर्णं करणानुकूलः व्यापारः।; "भोः मा सञ्कुचतु एषा कुल्या मृदः अभिपूरणेन।" (verb)
Arth
नाम का अर्थ
Nam ka arth
झंडा
MEANING OF KAVACA
प्रश्न का शीर्षक
Me
हिंदी में अर्थ
मोटरबोट की संस्कृत
समपृति