संहृत्य लोकान्वटपत्रमध्ये शयानमाद्यन्तविहीनरूपम् ।
सर्वेश्वरं सर्वहितावतारं बालं मुकुन्दं मनसा स्मरामि ॥
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समय : 02:57:09 | दिनाँक : 29/08/2020संहृत्य लोकान्वटपत्रमध्ये शयानमाद्यन्तविहीनरूपम् ।
सर्वेश्वरं सर्वहितावतारं बालं मुकुन्दं मनसा स्मरामि ॥
समस्त लोकों का संहार करके अथवा समग्र लोकों को समेट करके बरगद के पत्ते के बीच में सो रहे‚ आदि और अन्त से विहीन रूप वाले‚ समस्त ब्रह्माण्ड के स्वामी‚ सभी का कल्याण करने के लिये अवतार धारण करने वाले बाल कृष्ण को मन से स्मरण करता हूँ ।
प्रलय के समय वरगद के पतों में लिपटे वालमुकुंद की छवि उभरती है जिसका न तो कही आरंभ दिखता न अन्त, वो समस्त संसार का स्वामी शृष्टि करता को मन ही मन स्मरण एवं वंदना करता हूँ ।
समय : 05:59:37 | दिनाँक : 15/08/2020