त्विशा या त्विषा में कौनसा शास्त्र संगत है। और इसका उद्धरण किस प्रामाणिक संस्कृत ग्रंथ में है ।
त्विष् भ्वादिगणीय उभयपदी धातु है जिसका अर्थ है - चमकना‚ जगमगाना‚ दमकना‚ दहकना
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