"व्यानः श्रोत्राक्षिमध्ये च कुकुभ्द्यां गुल्फयोरपि।" वाक्य में कुकुभ्द्यां शब्द का अर्थ ।
यानमेकं पश्यतु भो लाभा अस्य असंख्य भो पापयति एतत् लयं भो साधयति एतत् कार्य भो
समुद्रप्त्ंयोजल सन्नीपाते पूतात्मानामत्र किलामिषेकात तत्वाबोधेन विनापि मूयस तनुत्यजा नास्ति शरीरब्न्ध्य का हिंदी मे अर्थ ...
महोदय, आपको हृदयसे मांगता हूँ कि आप मुझे युज्यस्व शब्द कैसे बनता है तथा यही शब्द एक एक अक्षर कम या जोडकर क्या मतलब निकल सकता है?